कल माननीय राज्यपाल साहब के कर कमलो से पश्चिम क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के शिल्प ग्राम उदैपुर का रजत जयंती वर्ष के दस दिनों तक चलने वाले उत्सव का रंगारंग आगाज़ हुआ |मरू भूमि के गाजी खान मंगनियार ने समां बाँध दिया ,गोटीपुआ नृत्य उड़ीसा ,महाराष्ट्र का शेर व् उत्तरप्रदेश का मयूर नृत्य ख़ास थे |हरियाणवी घूमर ने भी सभी का मन मोहा |
देश की लोक कला, अनूठी शिल्प परंपरा के प्रोत्साहन तथा कलाकारों व शिल्पकारों को कला प्रदर्शन के लिये मंच उपलब्ध करवाने तथा शिल्प साधकों को शिल्प उत्पादों के विपणन के लिये बाजार उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से केन्द्र द्वारा उत्सव का आयोजन प्रतिवर्ष होता है। दस दिवसीय उत्सव के दौरान अपरान्ह 12.00 बजे से हाट बाजार प्रारम्भ होगा जहाँ आगंतुकों को विभिन्न राज्यों के शिल्प उत्पाद देखने व खरीदने का अवसर मिलेगा। उत्सव के दौरान रोजाना शाम 6 बजे से मुक्ताकाशी रंगमंच ‘‘कलांगन’’ पर लोक कलाकारों द्वारा रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किया जायेगा।
हस्त शिल्प के बेमिसाल नमूने राजस्थान की कठपुतलियो से ले कर ओड़िसा के सीपिया व् आयल पेंटिंग अनायास ही मंत्रमुग्ध करती है | उत्सव में कालबेलिया, सिद्दी धमाल, गोवा का समई नृत्य, असम का कलात्मक बिहू नृत्य, तीजन बाई की पंडवाणी, पश्चिम बंगाल का लोकप्रिय नृत्य छाऊ,पंजाब का भांगड़ा, मणिपुर की युद्ध कला को प्रदर्शित करता थांग, मणिपुर का पुंग ढोल चोलम की प्रस्तुति, बड़े बच्चों को आकर्षित करने वाला सिक्किम का सिंगी छम, गोवा की महिलाओं द्वारा किया जाने वाला देखणी नृत्य आदि ख्यातनाम रंगारंग प्रस्तुतियांदेखने को मिलेंगी|इन दस दिनों मे हम कई बार शिल्पग्राम की सैर करेंगे, मेरा पसंदीदा गन्ने का रस जो तेल की घाणी से बैल निकालते है सिर्फ इन्ही दस दिनों तक मिलता है |पूरे देश से लोक नृतक ,लोक कलाकार ,खान पान एक जगह पर मिलना सौभाग्य ही है |