समाचार पत्र पढ़ कर ज्ञात हुआ कल पृथ्वी दिवस है या यु कहिये की तीन सौ पैसठ में से एक और दिन मानाने का बहाना ढूंढ लिया हम जैसे फालतू लोगो ने |क्या हमने यह सोचा है की एक दिन पृथ्वी दिवस ,कार्बन दिवस ,आदि दिवस मना कर हमारी अपने गृह के प्रति जिम्मेदारी ख़तम नहीं हो जाती है |यह प्रयास लगातार प्रतिदिन चलने सेही विश्व का भला होगा |
१९७० मे अमरीका मे प्रथम पृथ्वी दिवस मनाया और २० लाख लोगो ने इसमें भाग लिया |पृथ्वी दिवस पर कही रैली निकलेगी तो कही चित्रकरी कर के पृथ्वी को साफ़ व् हरीभरी रखने का सन्देश दिया जायगा कही पुनः काम में आने वाली वस्तु व् हाई ब्रीड कारे जो कम ईंधन व् कम प्रदुषण करती है का उपियोग बताकर जागरूकता फैलायगे|तो कही सिर्फ बिजली ,इंधन का दुरूपयोग रूक कर व् कूड़े का सही निस्तारण कर के पृथ्वी दिवस में योगदान दियाजायगा|
लम्बे समय से इंसान पृक्रति से दूर हो रहा है रासायनिक खाद व् कीटनाशक का इस्तेमाल कर के पृथ्वी को खोखली कर रहा है आज का इंसान अपने माता पिता संतान को जो मन से इज्ज़त्त प्यार देता है उसी तरह का समय ,ध्यान पृथ्वी व् वातावरण की और भी दे तो कतिपय यह संसार सभी जीव जन्तुओ व् इंसान के लिए स्वर्ग होजाए |
मुझे याद आता है की मेरे बचपन में गर्मियों में छत पे रात को सोते थे |वो सुहाना हवा का बहना रात का ठंडा बिस्तर.पर आज वातानुकूलित कमरों में टीवी देखते हुए रात बिताना ज्यादा आरामदायक है ...परन्तु आज रात का तापमान बढ़ गया व् छत पे नहीं सो सकते |प्रदुषण की वजह से तापमान बढ़ रहा है व् बरसात व् अन्य मौसमो मे बदलाव देखा जा रहा है |इस बदलाव से पहाडो की बर्फ पिघल रही है व् समुद्र का पानी तेजी से बढ़ रहा है |
अगर समय रहते इंसान नहीं सुधरा व् सही कूड़ा निस्तारण ,गैर रासायनिक खेती ,वृक्षारोपण ,लकड़ी को इंधन के रूप में इस्तेमाल रोकना ,खनिजो का दोहन कम करना ,और सबसे जरूरी दिनचर्या मे बदलाव ला कर परंपरागत तरीका इस्तेमाल करना आज समय की मांग है |यदि हम अपने आने वाली पीढ़ी को बीमारी ,झुलसाने वाली गर्मी ,पानी में डूबी हुई पृथ्वी नहीं देना चाहते है तो हमें आज यह सभी ठोस कदम उठा कर पृथ्वी दिवस मानना होगा |