दोस्तों, आज कल लोग बाग़ ज़िन्दगी के प्रति बहुत ही उदासीन रवैया अपनाने लगे है | जिंदिगी बहुत ही नायब तोहफा है यह चीज़ उनलोगों से पूछो जिन्होंने हाल ही मे किसी अपने को खोया हो |ज़िन्दगी को तरीके से, आराम से, मज़े से पर सावधानी से उसका पूरा मज़ा लेते हुए जीना चाहिए |
किन्तु आजकल लोग लापरवाह बहुत ज्यादा होगए है |दिनचर्या में बहुत कुछ बदलाव लाकर व् अच्छे बुरे में फर्क न करते हुए शराब ,सिगरेट का बेहिसाब सेवन करने लगे है | यहाँ तक की गाडी चलने में भी लापरवाही करते हुए हेलमेट ना लगाना ,हर काम को आराम से टालने आदि को दिनचर्या में शुमार कर चुके है | इसी आदत के चलते देश के नौजवान आजकल शारीरिक श्रम करने से कतराने लगे है जिससे देश को नुक्सान हो रहा है |
आज अगर युवा जिंदगी को धुवे में उडाएगा तो कल ज़िन्दगी उसे राख के धूर में तब्दील करने में समय नहीं लगाएगी इसी लिए आज देश में लोगो की औसत उम्र ८० से ६९ साल ९ महीने हो गई है |
आज लोग योग की और भाग रहे है |उन्हें भोजन में वो आहार चहिये जो पचने में आसन हो क्योकि फिर से यहाँ शारीरिक श्रम की कमी से पाचन क्रिया कमज़ोर हो जाने से हर चीज पचने में परेशानी है और इसी वजहे से आज लोगो को महामारी के जैसे एड्स और केंसर रोग भारी तादाद में जीवन लील रहे है |
तो मित्रो आज से हम जीवन को व्यवस्थित बनाने का संकल्प ले कर स्वयं तथा देश का कल्याण करे |