हम बरसो से सुनते आये है की जब जब इस धरती पर पाप बढ़ता है तब तब महापुरुष जन्म लेते है | आज लगता है वो घडी आगई है जहा हर देशवासी को लंका मे जिस तरह वनरो ने श्री राम का साथ दिया उसी प्रकार हर देशवासी अन्ना हजारे का इस आन्दोलन मे साथ दे कर अपना जीवन सार्थक करे |
ये लोग जिन्हें हमने सत्ता की बागडोर सौपी वो कुर्सी के मद मे चूर होचुके है| कल राज्यसभा मे बहेस के दौरान माननीय सिब्बल साब ने कहा "हम से भूल हो गई जो हमने एक बहार के आदमी से मदद ली आएये अब हम यह निर्नेये ले की अब किसी बहार वाले की मदद न ले" | मै मंत्री जी से सिर्फ यह जानना चाहता हु की क्या २०१४ में वैसे हो सकता है इससे पहले ही ,चुनाव के वक़्त भी वो संसद के ५५२ लोगो से काम चला लेगे क्या तब लोगो से वोट मांगने नहीं आएगे | बहार का कौन है ,कौन भारत माँ को लूट कर विदेशो मे धन जमा जर रहा है ये आज भी आम कही जाने वाली वो जनता जान चुकी है |
अन्ना आज देश की आवाज है आम इंसान जो सदीओ से भरा हुआ था उसे गाधी जी के बाद यदि किसी ने एकजुट किया तो वो अन्ना हजारे है | देश आज अपना हक लेने के लिए उठ खड़ा हुआ है |लाठी का बल दिखा कर लोकतंत्र की हत्या हुई है | सरकार का कोई विभाग सुनवाई नहीं कर रहा क्योकि शायद घुसखोर सरकारी तंत्र बिना रिश्वत के कोई काम नहीं कर पाती है और हम अन्ना की वानर सेना के पास अब देने को सिर्फ टक्कर ही है |