ओसामा मर चुका है , अमरीकी जश्न में डूबे हुए है |और साथ साथ सारे विश्व में एक अजीब से बहेस जबरन मीडिया वालो ने छेड दी की अब क्या ? क्या होगा पाकिस्तान का , कौन होगा ओसामा का वारिस ,कहा करेगा अगला धमाका अल काइदा इस तरह की अटकलों का बाज़ार है |
अफगानिस्तान से २००१ से खदेड़ेजाने के बाद से अल काइदा इक ऐसा झेहादी बन जाना चाहता था जो पूरे विश्व में अपना असर बता सके |परन्तु वोह कुछ ख़ास नहीं कर सका आज जब ओसामा मर चुका है और अल काइदा इंग्लैंड को निशाना बनाने की बात जब टीवी पर देखते है तो लगता है जैसे शायद बुझने से पहले दीपक की फद्फदाहत से ज्यादा कुछ नहीं है |
एक दल जिसका मुखिया नहीं रहा और नया मुखिया आनन् फानन में बनाना पड़ा .....अल काइदा ने सपने में भी नहीं सोचा होगा की पाकिस्तान में बिना लादेन की मर्ज़ी के बिना कुछ हो पायगा परन्तु अमरीका ने पाकिस्तान को न बता कर उसे यह बता दिया की वोह किसे की दोस्ती के काबिल नहीं यह बात मन में सभी जानते है |
जेहाद के नाम पर जो लोगो को बरगला कर फ़ौज तैयार की जा रही है उसपर निश्चित ही नकेल कासी जाएगी |आतंकियों में भय की भावना जाग चुकी है | यह बात और है की बौखलाहट में कुछ धमाके करने की आशंका को नाकारा नहीं जा सकता |
आतंक की पनाहगाह कम पड़ने लगेगी यही सोच कर जश्न ,अमन ,शांति का माहोल बनाने में विश्व जुट गया है |