हरि ओम तत्सत ,हरि ओम,
महामन्त्र है ,इसको जपाकर ।
वो है कौन सा मन्त्र कल्याणकारी,
तो बोले त्रिलोचन महादेव
हरि ओम ततसत हरि ओम
असुर ने जो अग्नि का अम्बा रचा था,
तो निर्दोश प्रह्लाद क्यों कर बचा था ,
यही मन्त्र लिखे थे उसकी ज़ुबाँ पर
हरि ओम ततसत हरि ओम
लगी आग लंका में हलचल मचा था,
तो घर विभीषण का क्यों कर बचा था,
यही शब्द लिखे थे उसके मकाँ पर,
हर ओम ततसत हरि ओम