राडिया, विकिलीक्स क्या बला है ? इक देशी ते दूसरी विदेशी रहिस्योद्घातन है .
देश की बात करे तो आज कल आये दिन ऐसे होता रहता है बोफ़ोर्स के ज़माने से ले कर आज तक सभी दलाली ही तो कर रहे है राजनेता ,अफसर ,पत्रकार . यही हाल रहा तो जल्द ही बोर्डर की तरह पूरा देश बिक जायगा और हमें किसी वेबसाइट या समाचारपत्र या मोबाइल पर सन्देश मिलेगा .यहाँ
राडिया टेप्स के बात करे तो निजी बातचीत को सार्वजनिक करना मौलिक स्वतंत्रता के अधिकार का हनन है पर प्रश्न ये है की क्या मुट्ठी भर लोगो को यह हक़ है की करोडो नागरिको के खून पसीने की कमाई को हड़पने की साजिश करे .
विकिलीक्स पर अमरीका के करीब ढाई लाख गोपनीय दस्तावेज़ ज्यो के त्यों छाप कर सनसनी फैला दी गई .दस्तावेजों में रूस के व्लादमीर पुतिन को "अल्फ़ा डॉग" और फ्रांस के निकोलस सर्कोज़े को "नंगा सम्राट " कहा गया कई और अमरीका की विदेश नीति का काला पन्ना खुल कर उसे सकपकाया हुआ कर दिया .अमरीका जो इक कुशल लोकतंत्र है में इस तरह से होना खतरनाक मान रहे है किन्तु यह तो होना ही था आज नहीं तो कल यह तथ्य सार्वजनिक खुद अमरीका करता .खीज उसे इस बात की है की समय से पहले और अमरीका के पुक्ता कहे जाने वाले,अभेद्य दुर्ग सामान तंत्र को एक अदना से वेबसाईट ने बिना अमरीकी जानकारी के अमरीकी कुत्नेतिक दस्तावेजों को दुनिया के सामने रख दिया .