हाल ही में जापान में भयानक भूकंप से जो सुनामी आई उस से भरी तबाही का मंज़र दिखा ,परन्तु सभी आश्वस्त है की जापानी आज भी अपने अवशेषों को चट्टान से इच्छाशक्ति के कारण सुन्दर प्रगति का पथ बना अभी की कुछ सालो में वो फिर उठ खड़ा होगा |
भारत की बात करे तो सौ करोड़ के इस देश में अभी होली का त्यौहार मनाया गया | आज तीन दिन बीत जाने के बाद भी चोरास्तो पर होलिका की राख के ढ़ेर पड़े है जो राहगीरों को दुर्घटनाओं का आमंत्रण देरहे है |आज भी सडको दीवारों पर रंगों की दानवी आकृतिया बनी है |हमारे इस देश में किसी को सफाई तक का ख़याल नहीं है |
भारत अपने आलस व् नाकारापन को बढ़ावा देते हुए इस तरह तबाह हुए लाखो खंडरो को आज सो सो सालो तक सहेज कर अपनी बेबसी लोगो को दिखा माल कमाने में माहिर हो गया है |आज कोई भी व्यक्ति देश हित में नहीं सोचता और यदि कोई सोचता भी है तो कोई ठोस कदम उठाने से डरता है |लोगो को पैसे कमाने से फुर्सत नहीं सभी इक दुसरे से इर्षा द्वेष करने में लगे है|
जापान की त्रासदी ह्रदय विदारक है क्योकि यह देश ६५ सालह पहले परमाणु हमले से तबाह होने के पश्चात फिर
उठ खड़ा हुआ न की अपने खंडरो पर संतरी बिठा कर पर्यटकों को आमंत्रत किया |आज फिर से तबाही ने जापान को बुरे दिन दिखाए पर यह इच्छा शक्ति और महेनत व् ईमानदारी के बल पर फिर चोटि का देश बनने का जाज्बा रखता है |हम जापान से सीख ले कर अपने देश से भ्रष्टाचार ,आलस्य ,आदि का नामो निशान मिटने का संकल्प ले यही जापानियों को सच्ची श्रधांजलि होगी भारत की |
होली के अवशेष.....
हम से तो यह भी साफ़ नहीं होरहे .......
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सुनामी के अवशेष ........
किसे को इन्हें साफ़ कर फिर से देश बसना है...................
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