Thursday, September 8, 2011

बम धमाके !!! खुद ही कुछ करना होगा |

कल फिर धमाको से देश का दिल देहल गया |भारत का दिल कहे जाने वाली दिल्ली मे धमाका कायरता का नंगा नाच |इस खोकले आतंक से वीर शिवाजी ,प्रथ्विराज चौहान ,टीपू सुलतान ,रानी लक्ष्मीबाई ,भगत सिंह ,गाँधी जी ,और अन्ना के अनुयाइयो को अब कोई उनके इरादों से नहीं डिगा सकता |

कल तीस हजारी कोर्ट मे धमाका हुआ ,प्रधानमंत्री ने जनता से अपील करी की सभी यथावत कार्य करे और हिम्मत दिखा कर दुराचारियो को एकता का नज़ारा दिखा उनके हौसले पस्त कर दे |यह अपील कर देश के राजनीतिज्ञों ने संसद का कार्य बंद कर संसद स्थगित कर दी |वही एकता अखंडता और हिम्मत की मिसाल पेश करते हुए तीस हजारी कोर्ट जिसके द्वार पर दर्दनाक धमाका हुआ वहा के वकीलों ने १ घंटे तक लाशो और घायलों की तीमारदारी करने के बाद फिर से कोर्ट का कार्य यथावत कर के आतंकियों को मुह की दी |वकीलों के इस जज्बे को सलाम |वही हमारे राजनीतिज्ञ जो संसद का स्थगन कर चले गए मगरमच्छ के आसू बहाने |

फिर अस्पतालों मे घायलों की मिजाजपुर्सी ,विस्फोट स्थल का मुआयना  आदि ..सब कुछ वैसा ही जैसा हर विस्फोट के बाद होता है |क्या सरकार आगे भविष्य मे विस्फोट न होने की गारंटी देसकती है | हर धमाके के बाद जनता को आश्वस्त करती है की कड़े कदम उठेगे नतीजा शून्य है | क्या हुआ आजतक हुए धमाको के बाद की रिपोर्टो का ? क्या एक भी बम धमाके की जांच रिपोर्ट सार्वजनिक की गई ?

कल राम मनोहर लोहिया अस्पताल मे धमाको के बाद राहुल जी ,नितिन गडकरी व् विजय मल्होत्रा पहुचे परन्तु एक मृतक के पिता ने यह कहते हुए उन्हें रोक दिया की "हमें नेताओ का भाषण नहीं सुनना " इससे यह पता चलता है की आम इंसान का भरोसा सभी नेताओ चाहे वो भाजपा हो या कांग्रेस सभी से उठ चूका है |जनता जान चुकी है की खुद ही कुछ करना होगा |आज सब को अन्ना बनना ही होगा |


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