आज देश नए दौर की और अग्रसर लगता है नई नीतिया नए नारे नया जोश नई सोच
बराबरी शिक्षा भरपेट भोजन इन्साफ रोजगार और भ्रस्टाचार से मुक्ति का ताना बाना दिखाई देनेलगा है लोग जस्बा और हिम्मत दिखा रहे है एक जुट हो सडको पे निकल रहे है अपना हक मागते छीनते नज़र आने लगे है
शुरुआत हो चुकी है और सभी को समझ आ गया की योगदान जरुरी है कोई भी यदि आज इस क्रांति से अछुता रहा तो आनेवाली पीढ़ी के समक्ष उसे नीचे देखना पड़ेगा
आज राजनेता का मूलमन्त्र जिसने की शर्म उसके फूटे कर्म हो चुकी थी नेता जी आम मतदाता की पहुच से दूर होने लगा था महिलाओ का आयेदिन शोषण मीडिया का हावी होना आक्रोशित जनता सडको चोराहो पे निकल पड़ी इसी का नतीजा है की आज तीसरा विकल्प उठ खड़ा हुआ आम आदमी पार्टी के रूप में और त्रस्त जनता जुट गई उसके साथ झाड़ू ले के भ्रस्टाचार हटाने
आज आम इंसान को सिर्फ साफ सुथरी व्यावस्था चाहिए उसका काम समय पे और सही चाहिए चक्कर काटने का समय नहीं है एक आम इंसान के पास बाबुओ के । सभी प्रत्याशी समझ गए या समझने का ढोंग कर रहे है की सुशाशन सादगी और कर्म निष्ट ता से ही आएगा तरक्की हो परन्तु भ्रस्टाचार जड़ से समाप्त हो
लोगो को खुद आगे बढ़ के हिसाब मांगना है और सुनिश्चित करना है की शाशन सु साशन है नेता आम इन्सान का सेवक है ये उसे याद रखना होगा अन्यथा हिसाब लिया जायेगा
बराबरी शिक्षा भरपेट भोजन इन्साफ रोजगार और भ्रस्टाचार से मुक्ति का ताना बाना दिखाई देनेलगा है लोग जस्बा और हिम्मत दिखा रहे है एक जुट हो सडको पे निकल रहे है अपना हक मागते छीनते नज़र आने लगे है
शुरुआत हो चुकी है और सभी को समझ आ गया की योगदान जरुरी है कोई भी यदि आज इस क्रांति से अछुता रहा तो आनेवाली पीढ़ी के समक्ष उसे नीचे देखना पड़ेगा
आज राजनेता का मूलमन्त्र जिसने की शर्म उसके फूटे कर्म हो चुकी थी नेता जी आम मतदाता की पहुच से दूर होने लगा था महिलाओ का आयेदिन शोषण मीडिया का हावी होना आक्रोशित जनता सडको चोराहो पे निकल पड़ी इसी का नतीजा है की आज तीसरा विकल्प उठ खड़ा हुआ आम आदमी पार्टी के रूप में और त्रस्त जनता जुट गई उसके साथ झाड़ू ले के भ्रस्टाचार हटाने
आज आम इंसान को सिर्फ साफ सुथरी व्यावस्था चाहिए उसका काम समय पे और सही चाहिए चक्कर काटने का समय नहीं है एक आम इंसान के पास बाबुओ के । सभी प्रत्याशी समझ गए या समझने का ढोंग कर रहे है की सुशाशन सादगी और कर्म निष्ट ता से ही आएगा तरक्की हो परन्तु भ्रस्टाचार जड़ से समाप्त हो
लोगो को खुद आगे बढ़ के हिसाब मांगना है और सुनिश्चित करना है की शाशन सु साशन है नेता आम इन्सान का सेवक है ये उसे याद रखना होगा अन्यथा हिसाब लिया जायेगा