Tuesday, November 23, 2010

yeh bin mausaam ki barsaat....

आज कई लोगो के विवाह कार्यक्रम है मगर बरसात ने विघ्न बरपा दिया अतः बिन मौसम बरसात के कई नुक्सान है गरीब को रोज़ ही परेशानी होती है परन्तु सर्दी में बरसात जो की अनायास ही बरस जाती है बड़ी कष्टप्रद है क्योकि इसमें रक्षा हेतु बचाव का इंतजाम भी नहीं हो पाते है .बिमारी का भी ज़ोर रहता है.

गाव मे इस बरसात से उन्ही किसानो को फ़ायदा है जिनकी फसल खलिहान से निकल गई और गेहू की फसल को बोये हुए दस दिन बीत चुके हो अन्यथा नुक्सान ही नुक्सान है.

शादी ब्याह वालों को प्रीतिभोज मे ५०० की जगह १०० व् १००० की जगह ४०० महमानों के आने से सभी इंतजाम व्यर्थ साबित हो गए अन्न का नुक्सान हुआ वह अलग .
इस हाड कप कपा देने वाली सर्दी से पशु पक्षी भी हैरान परेशान होंगे बच्चो का तो बुरा हाल होगा बीमारी से .
क्या यही रोंगटे खड़े करने वाली सर्दी है क्या इस बार प्रकृति हमें जाता रही है की उससे छेड़ छाड़ करने का बुरा खामिअजा भुगतने को तैयार रहे ?