Thursday, February 13, 2014

छिछोरा सदन

चोसठ  वर्षो में जो न हुआ वो आज हुआ । चोसथ वर्ष पहले न नेहरु न पटेल और न आंबेडकर ने सोचा होगा की लोकतंत्र के मंदिर में ऐसा होगा !

माँर्यादा पुर्शोतम श्री राम के देश के एक पुरुष सांसद ने संसद भवन में महिलाओ और पुरुष सांसदों पे पीसी हुई कली मिर्च का छिडकाव कर सभी मर्यादाओ को तार तार किया ।संसद के कार्य में बाधा पहुचाई संसद में तोड़ फोड़ और कोहराम मचा हुआ था ।

जिन सांसदों के पल पल के लिए जनता मेहनत मजूरी कर टैक्स देती है और उसी टैक्स का एक बड़ा हिस्सा सिर्फ सांसदों के आराम और सुविधाओ पे खर्च होता है उन्हें कुश्ती करते माइक तोड़ते और संसद में हुर्दंग करने पे जनता माफ़ न करेगी

एक तरफ आम आदमी को सड़क पे गलत तरीके से गाडी चलने पे जेल भेज दिया जाता है वाही दूसरी और संसद में तोड़ फोड़ करने पे सांसदों को सिर्फ पाच दिन के लिए घर भेज गया क्यों न इनकी सदस्यता भंग कर दी जाए

सुना है सांसद आम आदमी के नुमाइन्दे है तो फिर ऐसे गैरानुशाशामक नुमैन्दो पे जनता की गाडी कमी क्यों खर्च हो ।कल भी यदि किसी को याद हो तो प्रधान मंत्री जी ने कहा था की आज सदन के लिए शर्मनाक दिन है फिर भी आज ऐसा हुआ

लोकतंत्र के रक्षक ही भक्षक बन बैठे क्यों न जनता को इन्हें नैतिकता का पाठ पढ़ना चाहिए