Wednesday, January 4, 2012

2014 का कर्मयुद्ध

                                     
मनमोहन का कार्यकाल विवादों और भ्रष्टाचार के आरोपों से   है. राष्ट्रमंडल खेलों के घोटाले के साथ शुरू, हर कुछ महीने एक नया आदर्श सोसायटी घोटाले और सभी का सबसे बड़ा, 2G घोटाले की तरह बाहर आने के घोटाले देखा. ईंधन और वस्तु की कीमतों में तेजी से पिछले कुछ वर्षों में आम आदमी की मुसीबतों को जोड़ने बढ़ी है. अन्ना हजारे द्वारा और कुछ हद तक बाबा रामदेव को काले धन और भ्रष्टाचार के खिलाफ धर्मयुद्ध केवल कांग्रेस के संकट .


बिहारी वाजपेयी के रूप में सबसे लोकप्रिय  नेता अब सक्रिय राजनीति से सेवानिवृत्त है. दिग्गज  नेता और आधुनिक भारत का चेहरा, प्रमोद महाजन एक दुखद घटना में मारा गया था. गोविंदाचार्य और जसवंत सिंह जैसे दिग्गज बाहर फेंक दिया गया. प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार मुरली मनोहर जोशी के लिए राष्ट्रीय स्तर की राजनीति पर कोई प्रभाव के साथ किनारे पर बैठ किया गया है. लालकृष्ण आडवाणी सेवानिवृत्ति साल के करीब है और तेजतर्रार सुषमा स्वराज अभी तक एक विजेता हो साबित नहीं हुआ है. नरेंद्र मोदी, जो अभी तक गुजरात छोड़ने के लिए और राष्ट्रीय स्तर की राजनीति में शामिल होने के लिए तैयार नहीं किया जा सकता है के साथ पार्टी छोड़ देता है.


हालांकि कांग्रेस अभी तक यह स्वीकार नहीं है, लेकिन हो सकता है मनमोहन सिंह को दरवाजा दिखाया जा सकता है बाहर है, और कांग्रेस ने अपने प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में 2014 में क्षेत्र राहुल गांधी के लिए पसंद कर सकते हैं. यह भी  राष्ट्र के रूप में वह अपने राजनीतिक .... अभी तक सिद्ध नहीं किया गया नेतृत्व राहुल हो सकता है, लेकिन  यूपीए भीड़ है... नकारात्मक समीक्षाओं के बाद, कांग्रेस एमी के मनमोहन सिंह नहीं  चाहते हैं. भाजपा के लिए के रूप में पसंद लालकृष्ण आडवाणी और लोकप्रिय नेता नरेंद्र मोदी के लिए एक आखिरी कोशिश के बीच हो सकता है.


ममता ने बागी तेवर दिखने शुरू कर दिए बंगाल मे इन्द्रा भवन का  नाम बदलने की बात कर के वही जयललिता कह चुकी है की 2014 का चुनाव उसके द्वारे तय होगा .सपा , बसपा क्षत्रिय नेता लोकपाल की  हवा चला  उपयोग करे भ्रष्टाचार और घोटाले चुनाव प्रचार के मुख्य केंन्द्र दो साल पहले  से  बना रहे हैं .