Monday, February 14, 2011

Happy Valentine Day

दोस्तों जब मे छोटा बच्चा था तब विद्यालय मे कई सारी कन्याओं के साथ बैठ कर पढता ,खेलता व् खाना खाता था | फिर थोडा बड़ा हुआ तो मास्टरनी जी ने लडको व् लडकियों को अलग अलग बिठा दिया |पढाई चलती रही ,कुछ और बढ़ने पर माता पिता ने सिर्फ लडको वाले विद्यालय में प्रवेश दिलवा दिया |तभी से मुझे आज के दिन को मानाने की ज़रुरत महसूस करवाई गई |
आज का दिन हर वो इंसान मनाता है जो प्रेम करना चाहता है
१४ फरवरी,के बारे में इक किवदंती है की      संत वलेंतिने जो रोम में तीसरी शताब्दी में हुए थे |उस समय रोम में क्रूर क्लौदिऔस का एक छत्र राज था |सनकी क्लौदिऔस का मानना था की यदि पुरुष शादीशुदा ना हो तो वो अच्छा योद्धा /सिपाही बन सकता है | अतः उसने लडको को शादी नहीं करने का कानून निकाल दिया |परन्तु संत वलेंतिने  फिर भी युवको को शादी के पवित्र बंधन में बांधते रहे और सम्राट के इस फैसले की खिलाफत करते रहे |जब सम्राट को संत की नाफ़रमानी का पता चला तो संत को जान से हाथ धोना पड़ा |तभी से यह त्यौहार प्रेमी युगलों द्वारा मनाया जाता है |
भारत में यह त्यौहार इक नया प्रचलन है |कई लोग इसे पश्चिम की नक़ल के रूप में देखते है वाही कई अंग्रज़ो का अनुसरण मानते है |कुछ भी हो प्रेम कोई देश सीमा जात पात नहीं मानता ,अतः प्रेमियों को यह त्यौहार जरूर और डट कर मानना चहिये|जो लोग इस दिन हुर्दंग करते है वे सिर्फ अपने प्रेम ना कर पाने की खीज निकालते है |