Tuesday, March 13, 2018

किसान को सम्मान मिलना ही चाहिए

किसान वो प्राणी है जो अन्य प्राणियों के भोजन व्यवस्था में जीवन पर्यन्त उलझ कर रहता है। भगवान और माँ के पश्च्यात यदि कोई पूजनिक है तो मेरी नज़र में वो किसान है ।

किसानों के अत्यधिक संघर्षरत जीवनयापन को ढर्रा मान उन्हें चुपचाप कड़ी मेहनत के पश्चात कम में गुजरा करने वाले के रूप में महिमामंडित कर सरकार से मिलने वाली कई सुविधाओ से वंचित रखा गया

इन दिनों किसान की सहनशीलता जवाब देती दिखाई पड़ रही है पहले राजस्थान और आज महाराष्ट्र में किसानों ने एक जुट हो जातिवाद की राजनीति करने वालो के मुह पर करारा तमाचा जड़ अपनी शक्ति प्रदर्शित की है

आज जो इस किसान रैली को राजनीतिक बोल रहा है वो निहित स्वार्थी तबका है वो भूल गया कि किसान वो भोली कौम है जो मेहनत और मौसम से लड़ कर उसके लिए भोजन जुटाता है वो भी निस्वार्थ भाव से ..

हमे किसानो को आज इक्कीसवीं सदी में इज़्ज़त देनी ही होगी अन्यथा यदि एक बार वो हमारे लिए सोचना बंद कर देगे तो धरती का संतुलन बिगड़ जाएगा।

अतः तिरस्कार के कटु शब्द से नही प्रेम की मीठी वाणी से अन्नदाता का अभिवादन हो ऐसा वातावरण तैयार कर स्वयं को अनुग्रहित करे ।

Sunday, February 25, 2018

मन के विचार

हार्ट अटैक आ जायेगा मुझे, शायद उस दर्द के बाद छुटकारा मिल जाये यही सोच कर वो चला जा रहा था

जीवन के सभी जाने अनजाने विचारो को तोलता मोलता अपने अनुभवों से

मौत उत्तर नही है ना ही जीवन प्रश्न है

परेशानियों और कठिनाइयों का मेहनत और लगन से सामना करना है

जीवन का सत्य तो वो साधु महात्मा भी सदियो से खोज रहे है

किसी के वास्ते त्याग जीवन है तो कोई भोग विलास को जीवन मान बैठा है कही ज्ञान तो कही सम्मान को जीवन में सर्वोच्च स्थान है

मेरे लिए जीवन का फलसफा सिर्फ आनंद की अनुभूति मात्र है फिर चाहे वो समाज के बनाये नियमो को तोड़ कुछ करने से हो या खाली बैठ समय बर्बाद करने में .....