Monday, February 6, 2012

युवराज : The Run Mechine

                               
1999 में पहली बार तब गया जब उन्होंने अंडर-19 पंजाब क्रिकेट टीम की ओर से खेलते हुए कूच-बिहार ट्रॉफ़ी के फ़ाइनल मुक़ाबले में बिहार के ख़िलाफ़ जमशेदपुर में 358 रन और  युवराज सिंह को श्रीलंका में जनवरी 2000 में आयोजित अंडर-19 वर्ल्ड कप में खेलने का मौक़ा मिला जहां मोहम्मद कैफ़ की कप्तानी में भारत ने टूर्नामेंट जीता था.आईसीसी नॉक-आउट ट्रॉफ़ी के दौरान वर्ष 2000 में कीनिया के ख़िलाफ़ एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैचों में पदार्पण करने वाले युवराज ने ऑस्ट्रेलिया के विरुद्ध अपने दूसरे अंतरराष्ट्रीय मैच में ही 82 गेंदों में 84 रन की धमाकेदारी पारी खेली.


अंतरराष्ट्रीय मैचों में युवराज सिंह ने अपनी पहला शतक वर्ष 2003 में बांग्लादेश के ख़िलाफ़ जड़ा.उन्होंने सिडनी क्रिकेट ग्राउंड पर 119 गेंदों में 139 रन बनाए. इंडियन ऑयल कप 2005 में मोहम्मद कैफ़ के साथ वेस्टइंडीज़ के ख़िलाफ़ शतकीय पारी.युवराज सिंह ने साल 2005 और 2006 में एकदिवसीय मैचों में ज़ोरदार प्रदर्शन करते हुए दक्षिण अफ़्रीका, पाकिस्तान और इंग्लैंड के ख़िलाफ़ लगातार तीन श्रृंखलाओं में मेन ऑफ़ द सीरीज़ का ख़िताब अपने नाम किया.इन श्रृंखलाओं के 15 मैचों में उन्होंने तीन शतक और चार अर्धशतक लगाकर आईसीसी की एकदिवसीय मैचों में चोटी के दस बल्लेबाज़ों में अपनी जगह बनाई.


सितम्बर 2007 में राहुल द्रविड के हटने के बाद महेंद्र सिंह धोनी को कप्तानी मिलने पर युवराज सिंह को उपकप्तानी करने का मौक़ा मिला.नवंबर 2008 में उन्होंने राजकोट में इंग्लैंड के ख़िलाफ़ 78 गेंदों पर 138 रन बनाए और नाबाद रहे. उन्होंने 64 गेंदों पर शतक बनाया था जो उस समय किसी भी भारतीय खिलाड़ी के द्वारा सबसे तेज़ी से बनाया दूसरा शतक था.वर्ष 2011 के क्रिकेट विश्वकप में युवराज सिंह ने आयरलैंड के पांच विकेट चटकाए और ऐसा करने वाले वे पहले खिलाड़ी बने.विश्वकप में उन्होंने कुल 362 रन बनाए और 15 विकेट चटकाए, जिसकी बदौलत उन्हें मेन ऑफ द टूर्नामेंट चुना गया.


एकदिवसीय मैचों के साथ ही 20-20 मैचों में भी युवराज सिंह का बल्ला ख़ूब चला. उन्होंने आईसीसी के पहले 20-20 विश्वकप में डर्बन में एक ओवर में छह छक्के जड़े थे.ऐसा नहीं है कि युवराज सिंह सिर्फ़ बल्लेबाज़ी ही करते हैं. वर्ष 2009 में आईपीएल मैचों में दो बार ऐसे मौक़े आए जब उन्होंने विरोधी टीम के तीन खिलाड़ियों को लगातार आउट करके हैट्रिक लगाई.वर्ष 2011 में आईपीएल के लिए पुणे वॉरियर्स नामक नई टीम बनी तो युवराज सिंह को इस टीम में कप्तान भी बनाया गया.